Thursday, January 26, 2012

प्यार एहसास है शब्द नहीं



जिसे कहा जा सके 
व्यक्त किया जा सकता हो 
तो वो कभी प्यार था ही नहीं ....

एक आत्मकेंद्रित व्यक्ति का 
खुद से लगाव 
और खुद को खुद पे न्योछावर 
करने की अभिव्यक्ति थी ....

8 comments:

  1. Waah ... kya baat hai vo abhivyakt kiya ja sakta hai vo pyar nahi hota ... bahut khoob ..
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें ...

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  2. बहुत गहन अभिव्यक्ति....बहुत सुन्दर...

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  3. ... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....!
    जय हिंद...वंदे मातरम्।

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  4. प्यार के एहसास को बखूबी शब्दों में उतारा है आपने.........

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  5. बहुत ही बढ़िया सर!

    बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    सादर

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