Monday, January 9, 2012

शिकवा - शिकायत



शिकवा - शिकायत
कौन करता है
और क्यूँ?

ये भी आदत की बात है....

जब हम अपना कृत्य सौ प्रतिशत नहीं करते
तो हम खुद को मुआफ कैसे करें?
शिकवा - शिकायत करके
उस ग्लानी भाव से मुक्त हो जाते हैं?

Simple na ?????

7 comments:

  1. बिलकूल सिम्पल ....लेकिन कडवे सच जैसी बात है .आदतन ...कम ही लोग मानेंगे

    ReplyDelete
  2. its very simple......पर ये मन बावरा माने तो

    ReplyDelete
  3. शिकवा शिकायत होती रहनी चाहिये।

    ReplyDelete
  4. ये शिकवे शुकायत तो चलते रहते हैं ... जीवन भो चलते रहते हैं ...

    ReplyDelete
  5. सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।

    ReplyDelete