Friday, December 24, 2010

विसंगतियां और समय




मैं राजा भी हूँ
रंक भी
मैंने दान किया है
तो भिक्षाटन भी किया है
मैंने लक्ष्य भेद किया है
तो कई जगह मेरे हाथ बंधे भी रहे हैं
मैं पूरी धरती को नाप सकता हूँ
तो मैं एक कदम में थक भी जाता हूँ
.... इसे विसंगतियां कहो
या समय !
विसंगतियों और समय के गिरफ्त में तो
प्रभु आम इन्सान हुए
मैं तो इन्सान ही हूँ
ईश्वर के पदचिन्हों का अनुगामी !









19 comments:

  1. बहुत खूब ..विचारात्‍मक शब्‍दों के साथ सुन्‍दर लेखन ...बधाई ।

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  2. wow...
    बेहद खूबसूरत...

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  3. एक सहाज आध्यात्मिक कविता...

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  4. bahut-bahut sunder dewatw se bharpoor rachana.itna samarpan.

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  5. वाह बहुत खूब ..अभी आपके ब्लॉग पर आना हुआ बहुत ही बेहतरीन लिखते हैं आप ...ज़िन्दगी के कई सच है इन लिखी रचनाओं में ..आराम से जुगाली की तर्ज़ पर पढने वाली है यह रचनाये ......

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  6. बहुत सुन्दर विचार संग्रह्।

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  7. प्रभु के पदचिह्नों का अनुगामी बन जाएँ तो फिर क्या बात है ..अच्छी प्रस्तुति

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  8. काबिलेतारीफ़ है प्रस्तुति ।
    आपको दिल से बधाई ।
    ये सृजन यूँ ही चलता रहे ।

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  9. आध्यात्मिक रंग में सारगर्भित पोस्ट,बहुत बहुत बधाई

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  10. इंसान के लिए यह बहुत जरुरी है ....एक सर्वश्रेष्ठ रचना ...बहुत आभार

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  11. एक सहज आध्यात्मिक कविता??????
    नही...बिलकुल नही...ये आप है सुमन!
    सोच आध्यात्मिक बनाती है न? एक बात बताऊँ? एकदम मेरी सोच जैसे हो.मुझ जैसे.ऐसी ही हूँ मैं भी.संसार में रह कर भी इसमें नही. ना रह कर भी इसमें.
    हा हा हा
    हमारे शब्द हमारे व्यक्तित्त्व को बताते हैं.मैं तुम्हे पढ़ सकती हूँ बाबा!
    ये जो भीतर है न आपके,उसे हमेशा जिन्दा रखना.पार लग जाओगे.
    रास्ते बनाने वालों में हो. शुरुआत नही करी है तो करो.प्यार.

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  12. विसंगतियों पर बेहतरीन रचना
    आभार।

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  13. beautiful poem
    i am king i am demon

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  14. सुन्दर अध्यात्मिक अभिव्यक्ति.

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  15. तेरी रहमत का मुझको कोई गिला नहीं है ये खुदा !
    तेरे अंदाजे ब्यान के तो कायल हैं हम सभी !
    तेरे इतने करीब होके भी तुझसे दूर क्यु हैं हम !
    तेरी इस हसीं अदा से आज भी वाकिफ क्यु नहीं है हम !

    बहुत सुन्दर अभिवक्ति !
    बधाई दोस्त !

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  16. ये तो समय है .. जो सब कुछ करवा देता है ... अक्च्ची रचना है ....
    आपको और परिवार में सभी को नव वर्ष मंगलमय हो ...

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  17. bahut sunder vichaar..badhai Suman ji.
    aapke blog par aana sukhad laga.

    http://neelamkashaas.blogspot.com

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