मैं राजा भी हूँ
रंक भी
मैंने दान किया है
तो भिक्षाटन भी किया है
मैंने लक्ष्य भेद किया है
तो कई जगह मेरे हाथ बंधे भी रहे हैं
मैं पूरी धरती को नाप सकता हूँ
तो मैं एक कदम में थक भी जाता हूँ
.... इसे विसंगतियां कहो
या समय !
विसंगतियों और समय के गिरफ्त में तो
प्रभु आम इन्सान हुए
मैं तो इन्सान ही हूँ
ईश्वर के पदचिन्हों का अनुगामी !
बहुत खूब ..विचारात्मक शब्दों के साथ सुन्दर लेखन ...बधाई ।
ReplyDeletewow...
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत...
एक सहाज आध्यात्मिक कविता...
ReplyDeletebahut-bahut sunder dewatw se bharpoor rachana.itna samarpan.
ReplyDeleteवाह बहुत खूब ..अभी आपके ब्लॉग पर आना हुआ बहुत ही बेहतरीन लिखते हैं आप ...ज़िन्दगी के कई सच है इन लिखी रचनाओं में ..आराम से जुगाली की तर्ज़ पर पढने वाली है यह रचनाये ......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर विचार संग्रह्।
ReplyDeleteadhyatm ki rah batati sarthak rachna .
ReplyDeleteप्रभु के पदचिह्नों का अनुगामी बन जाएँ तो फिर क्या बात है ..अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteकाबिलेतारीफ़ है प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआपको दिल से बधाई ।
ये सृजन यूँ ही चलता रहे ।
आध्यात्मिक रंग में सारगर्भित पोस्ट,बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteइंसान के लिए यह बहुत जरुरी है ....एक सर्वश्रेष्ठ रचना ...बहुत आभार
ReplyDeleteएक सहज आध्यात्मिक कविता??????
ReplyDeleteनही...बिलकुल नही...ये आप है सुमन!
सोच आध्यात्मिक बनाती है न? एक बात बताऊँ? एकदम मेरी सोच जैसे हो.मुझ जैसे.ऐसी ही हूँ मैं भी.संसार में रह कर भी इसमें नही. ना रह कर भी इसमें.
हा हा हा
हमारे शब्द हमारे व्यक्तित्त्व को बताते हैं.मैं तुम्हे पढ़ सकती हूँ बाबा!
ये जो भीतर है न आपके,उसे हमेशा जिन्दा रखना.पार लग जाओगे.
रास्ते बनाने वालों में हो. शुरुआत नही करी है तो करो.प्यार.
विसंगतियों पर बेहतरीन रचना
ReplyDeleteआभार।
beautiful poem
ReplyDeletei am king i am demon
सुन्दर अध्यात्मिक अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteतेरी रहमत का मुझको कोई गिला नहीं है ये खुदा !
ReplyDeleteतेरे अंदाजे ब्यान के तो कायल हैं हम सभी !
तेरे इतने करीब होके भी तुझसे दूर क्यु हैं हम !
तेरी इस हसीं अदा से आज भी वाकिफ क्यु नहीं है हम !
बहुत सुन्दर अभिवक्ति !
बधाई दोस्त !
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteये तो समय है .. जो सब कुछ करवा देता है ... अक्च्ची रचना है ....
ReplyDeleteआपको और परिवार में सभी को नव वर्ष मंगलमय हो ...
bahut sunder vichaar..badhai Suman ji.
ReplyDeleteaapke blog par aana sukhad laga.
http://neelamkashaas.blogspot.com