Monday, February 14, 2011

असली खुद्दारी



तुम खेलने की बात करते हो !
थक गया मैं पूरी ज़िन्दगी शतरंज खेलते ...
मेरे सारे सैनिक खोटे निकले
अकेला मैं
अपनी बाद्शाहियत के नाम पर
अपने राज्य की रक्षा में
चलता रहा तयशुदा चालें ...
किसने शह मात देने का प्रयोजन नहीं किया !
सबने यही चाहा
हो जाऊँ मैं अपाहिज अपने विचारों से
बन जाऊँ कठपुतली
...
भय इतना प्रबल हो उठा
कि सही बात भी मुझे सही नहीं लगती
अच्छी बात भी मुझे सशंकित कर जाती है !
मैंने तो भरोसा ही किया था हर रास्ते पर
पर मैं ...
आश्चर्य ! टुकड़े टुकड़े में आहत मैं मौन हूँ
और मेरे मौन की चिंगारी से पूरी सेना दहक रही है
मेरे ही शिविर में
मेरे ही विरुद्ध
वे शस्त्र इकट्ठा कर रहे हैं
राज्यकोष मेरा
खुद्दारी उनकी .... इसीलिए न
कि मैं मौन हूँ !
....
इस प्रयोजन में भी मैं मौन हूँ
सच पूछो तो असली खुद्दारी यही है ...

25 comments:

  1. मौन को बयान करती बेहतरीन रचना.

    सादर

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  2. सच पूछो तो असली खुद्दारी यही है ..

    कभी कभी मौन को कमजोरी भी माँ लिया जाता है ...बहुत भावप्रवण रचना

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  3. बहुत ही उम्दा .
    मौन में भी खुद्दारी.
    खुद्दारी तो मौन ही रहती है.
    सलाम.

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  4. सुमन जी

    वाकई … मौन में ख़ुद्दारी है
    स्वाभिमान बना रहे , अस्तु !

    प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !
    प्रणय दिवस मंगलमय हो ! :)

    बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  5. मेरे ही शिविर में
    मेरे ही विरुद्ध
    वे शस्त्र इकट्ठा कर रहे हैं
    राज्यकोष मेरा
    खुद्दारी उनकी .... इसीलिए न
    कि मैं मौन हूँ !

    हम्म! कभी कभी खुद्दारी हमें कई बातों को अनदेखी करने में बेबस कर देती है ...

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  6. beshak akele hi sahi.......aapki baadsahiyeat rang layegi..:)

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  7. मेरे मौन की चिंगारी से पूरी सेना दहक रही है ...
    मेरा मौन भी मेरी खुद्दारी ही है ...
    कई बार आपका मौन आपको कमजोर साबित भी करता है मगर जब कहने से कोई बात नहीं बनती हो तो मौन बिना कहे बहुत कुछ कहता है और दूसरों की तिलमिलाहट की वजह बनता है ...
    वाकई !

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  8. आश्चर्य ! टुकड़े टुकड़े में आहत मैं मौन हूँ ...
    यह मौन खुद्दारी का है ...गहन भाव लिये सशक्‍त प्रस्‍तुति ।

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  9. मौन की खुद्दारी ही आदमी को जीवन जीना सिखाती है
    लोगों के समझने न समझने से क्या होता है? अगर इन्सान खुद खुद को समझ ले वही बहुत बडी बात है। अच्छी रचना के लिये बधाई।

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  10. इस बेजोड़ रचना के लिए दिल से बधाई स्वीकारें...

    नीरज

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  11. आदरणीय सुमन जी
    नमस्कार !
    ..गहन भाव लिये सशक्‍त प्रस्‍तुति ।

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  12. प्रेमदिवस की शुभकामनाये !
    कई दिनों से बाहर होने की वजह से ब्लॉग पर नहीं आ सका
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

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  13. इस प्रयोजन में भी मैं मौन हूँ
    सच पूछो तो असली खुद्दारी यही है .

    बहुत सशक्त रचना है -
    आपका मौन बहुत प्रबल मौन है -
    पढ़कर लगता तो है की मौन भी क्रांति ला सकता है .

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  14. इस प्रयोजन में भी मैं मौन हूँ
    सच पूछो तो असली खुद्दारी यही है

    प्रभावित करते हैं भाव...बहुत बढ़िया ...

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  15. खुबसूरत रचना है |
    ----------------
    यहाँ भी आयें|
    आपकी टिपण्णी से मुझे साहश और उत्साह मिलता है|
    कृपया अपनी टिपण्णी जरुर दें|
    यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ . हमारा पता है ... www.akashsingh307.blogspot.com

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  16. अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....

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  17. आपकी कविता वटवृक्ष में पढी, आपका ब्‍लॉग देखा, बहुत अच्‍छा लगा , दिल्‍ली हिन्‍दी भवन में ब्‍लॉगर्स सम्‍मेलन में भी आपकी चर्चा सुनी । बधाई स्‍वीकारें......

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  18. मेरे मौन की चिंगारी से पूरी सेना दहक रही है
    मेरे ही शिविर में
    मेरे ही विरुद्ध
    वे शस्त्र इकट्ठा कर रहे हैं
    राज्यकोष मेरा
    खुद्दारी उनकी .... इसीलिए न
    कि मैं मौन हूँ !
    ....हाँ सुमन जी , छोटे मुंह बड़ी बात होगी, पर मौन एक सीमा के बाद कमजोरी बनती है . आपकी परिक्रमा पढने को मिली , कृष्ण के विराट स्वरुप से रूबरू होने की अनुभूति हुई .
    आदर सहित

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  19. आपके शब्द शब्द एक सीख देते हैं ... लगता है गुरु के निकट हूँ

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  20. It's dignified to be silent at times. It has it's own voice.

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  21. सुमन जी पहले तो नमस्कार स्वीकार करे .....हिंदी भवन की मुलाकात को मै नहीं भूली हूँ ....रश्मि दीदी ने आपसे मिलवाया था ..

    आज पहली दफा आपके ब्लॉग पे आना हुआ ...आपकी कविता पढ़ी
    सच के करीब और दिल से लिखी गई है आपकी ये कविता
    बहुत खूब....पढ़ का अच्छा लगा

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  22. आपकी किसी पोस्ट की चर्चा शनिवार ( 09-07-11 )को नयी-पुरानी हलचल पर होगी |कृपया आयें और अपने बहुमूल्य सुझावों से ,विचारों से हमें अवगत कराएँ ...!!

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  23. मौन ही कभी कभी खुद्दारी का काम कर जाता है ..अच्छी अभिव्यक्ति

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  24. खूबसूरत अभिव्यक्ति...

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