Tuesday, September 25, 2012

एहसास

प्यार को प्यार ही रहने दो
बस - एक एहसास
नाम और रिश्तों से परे,
मुक्त....

दूर होकर भी दूर कहाॅ होता है
बाँध देने पर,
पास होकर भी
पास कहाॅ रहता है....

बधंन में कैसा एहसास....

तोते को पिंजरे में रख 
उड़ना सिखाने सी बात है....

बाॅधने की कोशीश ही
उसे मार देती है....


3 comments:

  1. मुक्ति में ही आनन्द है बन्धु

    ReplyDelete
  2. प्यार एक उड़ान है...एक एहसास ...उसे ऐसे ही रहने देना ही उत्तम है ||

    ReplyDelete