Sunday, March 4, 2012

रहना और जीना


'रहने' के लिए क्या चाहिए - पैसा !
कर दे जो 'जरूरतें'
रोटी कपड़ा मकान की पूरी - ....

मिल जाये जिनसे -
नाम, यश, ख्याति....
          

मगर
'जीने' के लिए ?

इतने ही नहीं हैं काफी -
क्या नहीं चाहोगे मिले
आनंद सुख शांति ????

सोचो बंधू सोचो
कुछ और भूल तो नहीं रहे ?    
......
......
......
......
......
......
......

वाह बंधू वाह
प्यार को ही भूल गए !!!!


'प्यार' बगैर 'जीना' कहाँ ?

प्यार आवश्यकता नहीं
'अस्तित्व' है हमारा .... 


प्यार बिना सुख का करोगे क्या ?
प्यार बिना शांति मिलेगी क्या ?
प्यार बिना आनंद कैसा ?????  

'रह' तो लोगे ही बंधू
पर ....
'जीओगे' कैसे ?
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होली के शुभ अवसर पर
बंधू ढ़ेर सारी शुभकामनाएं और
बहुत सारा 'प्याररररररररर'.....


.... कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा
भानुमती का कुम्बा जोड़ा
ओये जोगीरा सारा रा रा .....
सारा रा रा
सारा रा रा  
रा  रा  रा  रा.....  
बुरा ना मानो होली है
होली है भाई
होली है ......

9 comments:

  1. रहना और जीना बहुत अलग है, होली आनन्दमय हो..

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  2. गहरी रचना ...
    होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं ...

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  3. अच्छी प्रस्तुति ... होली की शुभकामनायें

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  4. बेहतरीन अभिवयक्ति.....बहुत ही खुबसूरत रंगों से भरा हो आपका होली का त्यौहार.....

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  5. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ...

    कल 07/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .

    धन्यवाद!


    '' होली की शुभकामनायें ''

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  6. गहन विचार व्यक्त करती सुन्दर रचना...
    होली पर्व की शुभ कामनाए

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  7. बहुत हि गहरे विचारो को दर्शाती सुंदर प्रस्तुती हैं..
    होली पर्व कि शुभकामनाये

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  8. आपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।

    सादर

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  9. रोचक शैली में सुंदर प्रस्तुति।
    ढेर सा प्यार और होली मुबारक!

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