Tuesday, February 28, 2012

सुख भूत में है या भविष्य में?
हम सब कहेंगे - वर्तमान में !!!!
तो हमें वर्तमान में रहने से कौन रोकता है ????????
- हम !!!!!!!!

Thursday, February 16, 2012

क्षमा करें




जिस डाल पे बैठे हैं हम, उसे ही जाने अनजाने काट  रहे?
विश्वास नहीं होता न?   

समाज के प्रति अपनी उदासीनता हमे छोड़नी ही पड़ेगी
वरना....
न जाने कल, आज के कितने मासूमों की हाथों में
बन्दूक होने की जिम्मेवारी हमारी होगी
क्षमा करें, 
यह किसी मायूस शायर की परिकल्पना नहीं....